ISBN: 9788170555322
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
No. of Pages: 218
इस पुस्तक में तीन महारथियों के पत्र संकलित हैं जो उन्होने समय-समय पर रामविलास शर्मा को पत्र लिखते रहे। प्रेमचंद के बाद जिन लेखकों का संबंध ग्राम जीवन से था जिनके उपन्यास खूब पढे गए, उनमें वृंदावनलाल वर्मा का स्थान सबसे ऊपर है। हिन्दी के वह सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक उपन्यासकार हैं। अक्सर देखा जाता है कि अतीत का चित्रण करते हुए कथाकार पुनरुत्थानवादी दृष्टिकोण अपनाते है। इसी प्रकार पत्रकार बनारसीदास चतुर्वेदी और भाषाविज्ञानी किशोरी दास वाजपेयी जि का भी संबंध लेखक से आत्मीय रहा। हिन्दी साहित्य के महान साहित्यकारों के संस्मरण इस पुस्तक में पाठकों को पढ़ने को मिलेंगे।