ISBN: 9789352291571
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
No. of Pages: 314
‘पराजय’ सोवियत रूसी लेखक फ़ेदयेव का पहला उपन्यास है। उपन्यास का घटना-क्रम छापामारों के जीवन की जटिलताओं,आस्थाओं और परेशानियों के इर्द-गिर्द घूमता है। लेखक खुद छापामार की भूमिका जीवन में निभा चुका है जिसके अनुभवों के कारण इस उपन्यास का कथानक न केवल विश्वसनीय बन पड़ा है, बल्कि रूसी क्रांति में अपनी आस्था को भी सच्चे,सटीक ढंग से संप्रेषित करता है। कई मायनों में यह एक उदास किताब है। सच्ची आस्था इतिहास में गलत पक्षधरता के कारण किस कदर आत्म-पराजयी हो सकता है – किताब और लेखक का जीवन इसका उदहारण है।