ISBN: 9789350728642
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
No. of Pages: 148
यह कहानी-संग्रह देवदत्त यदुमणि नायक द्वारा ओड़िया भाषा से हिन्दी भाषा में अनूदित किया गया है। अनुवादक परिचय देवदत्त यदुमणि नायक (शब्दांत) ओड़िया साहित्य की नवीन पीढ़ी के एक कवि हैं। उनका एक कविता संग्रह ‘धरा देउ न थिबा शब्दंक धारणा’ नाम से प्रकाशित है।पारमिता लम्बे समय से कथा साहित्य जगत में अपनी ख्याति स्थापित कर चुकी हैं। उनकी कहानियों का दायरा ग्रामीण परिवेश से लेकर, शहर और देश-देशान्तर तक फैला है। इनकी कहानियों में जीवन-जगत की अनकही एवं अमिट अनुभूतियाँ चिर-परिचित परिणति पर न पहुँचकर पाठक को अवाक् कर देती हैं। इसी नाते पारमिता की कहानियाँ पुरानी पीढ़ी की कहानियों से भिन्न एवं अलग मुकाम हासिल करती हैं। शब्द और भाषा में पारमिता कॉस्मोपॉलिटन हैं। देशी-विदेशी, ग्राम्य-अभिजात, अनेक वर्गों के शब्दों को एक सूत्रा में बाँधे रखती हैं। इनकी कहानियों में मौजूद कल्पना और यथार्थ की जादूगरी पाठक को आगोश में भरने की अद्भुत क्षमता रखती है। कहानी चयन में विशेषता, अभिव्यक्ति का पैनापन, गठन की कला, पात्रानुकूल भाषा, बिजली से कौंधते बिम्ब और सटीक प्रतीक योजना में सगुंफित ये कहानियाँ कालोत्तीर्ण होने की स्पर्धा रखती हैं। पारमिता की कहानियाँ विभिन्न प्रतिष्ठित पत्रा-पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर बहुचर्चित हैं। उनके अनुवादों को भी हिन्दी के प्रतिष्ठित प्रकाशकों ने महत्त्व दिया है।