ISBN: 9788181436320
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
No. of Pages: 236
सुधीर कक्क्ड़ की इस कियाब का अनुवाद किया है अभय कुमार दुबे ने जिसमे उपन्यासों,फिल्मों,लोकगाथाओं,आत्मकथाओं और व्यक्तिगत जीवन की यों-उलझनों के जरिये काम की भारतीय कथा काही गयी अहि। यह पुस्तक औरत-मर्द को प्रेमी-प्रेमिका और पति-पत्नी के रूप में देखती है। भारत ए नर-नारी सम्बन्धों का मनोविज्ञानिक अध्ययन करने वाले ये लेख उन अंतरंग स्तिथियों का जायजा लेते हैं जिंनके तहत व्यक्ति बड़े उल्लास के साथ मन और शरीर के द्वार अपने प्रतिलिंगी साथी के सामने खोल देता है, लेकिन उसी प्रक्रिया में खतरनाक ढंग से उसकी दुर्बलताएँ भी उजागर हो जाती हैं। इस विरोधाभास से एक भारतीय किस्म की सेक्शुअल राजनीति निकलती है।